पिथौरा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आज विजयादशमी के पावन पर्व पर पिथौरा मंडल स्तरीय शस्त्र पूजन एवं भव्य पथ संचलन का आयोजन किया गया। यह अवसर केवल संघ के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे नगर और समाज के लिए भी गर्व का क्षण था। स्वयंसेवकों को देशभक्ति गीत गाते हुए परंपरागत गणवेश में पंक्तिबद्ध होकर कदमताल करते देख नगर का वातावरण पूरी तरह से राष्ट्रभक्ति से सराबोर हो गया।
पथ संचलन नगर के प्रमुख मार्गों से गुज़रा। रास्ते में विभिन्न स्थानों पर नागरिकों ने स्वयंसेवकों का स्वागत किया। महिलाएँ, पुरुष एवं बच्चों ने स्वयंसेवकों पर पुष्पवर्षा कर उनका अभिनंदन किया।
स्वयंसेवकों की अनुशासित चाल और एकसमान गणवेश ने हर दर्शक को प्रभावित किया। लोग देर तक खड़े रहकर इस ऐतिहासिक दृश्य का आनंद लेते रहे।
संचलन के बाद आयोजित सभा में मुख्य अतिथि के रूप में गायत्री शक्तिपीठ के व्यवस्थापक तुकाराम पटेल, मुख्य वक्ता के रूप में राजिम विभाग के पर्यावरण संयोजक धनेश्वर साव तथा खंड संघ चालक बोधीराम चौधरी मंचासीन थे।सर्वप्रथम मुख्य अतिथि तुकाराम पटेल ने संबोधित करते हुए कहा कि संघ का यह शताब्दी वर्ष केवल एक संगठन की उपलब्धि नहीं, बल्कि समाज की सामूहिक शक्ति और त्याग का प्रतीक है। संघ ने बीते सौ वर्षों में सेवा, शिक्षा, संस्कार और हिन्दू समाज को एकजुट रखने के अनगिनत कार्य किए हैं।
मुख्य वक्ता धनेश्वर साव ने अपने उद्बोधन में संघ पंच परिवर्तन की जानकारी देते हुए संघ के विषय में विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि संघ का उद्देश्य केवल संगठन खड़ा करना नहीं है, बल्कि समाज और राष्ट्र के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना है। इसी क्रम में पंच परिवर्तन, व्यक्ति परिवर्तन, परिवार परिवर्तन, समाज परिवर्तन, राष्ट्र परिवर्तन और विश्व परिवर्तन, संघ की कार्यदृष्टि के आधार है।
मुख्य वक्ता ने कहा कि यदि स्वयंसेवक पहले अपने जीवन में अनुशासन और संस्कार लाएगा तो परिवार पर उसका असर दिखाई देगा। जब परिवार सशक्त होंगे तो समाज सशक्त बनेगा, और समाज सशक्त होगा तो राष्ट्र शक्ति के शिखर पर पहुँचेगा। इसी क्रम में विश्व के कल्याण का मार्ग भी प्रशस्त होगा। यही संघ के पंच परिवर्तन का मूल संदेश है, जो संगठन की शताब्दी यात्रा का सार भी है। उक्त जानकारी खंड कार्यवाह प्रेमसागर साहू ने दी।
सवेरा24न्यूज़राजेश साव 7240825555
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