पिथौरा में भूख हड़ताल पर प्रशासन का दमन, ग्रामीणों ने थाने में जारी रखा आंदोलन

 







महासमुंद जिले के पिथौरा जनपद पंचायत के सामने ग्राम पंचायत लाखागढ़ के ग्रामीणों ने गोठान घोटाले के खिलाफ भूख हड़ताल शुरू की। कलेक्टर के 7 मई 2025 के निर्देश के बावजूद जिला पंचायत सीईओ ने सरपंच और सचिव के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की, जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने 2 जून 2025 को जनपद पंचायत कार्यालय के सामने पंडाल लगाकर हड़ताल शुरू करने की कोशिश की। जनपद पंचायत सीईओ ने पंडाल लगाने से रोक दिया, जिसके बाद ग्रामीण पेड़ के नीचे भूख हड़ताल पर बैठ गए।21 मई 2025 को सपोस में सुशासन तिहार शिविर में ग्रामीण सीईओ को चूड़ी और फीता भेंट करने पहुंचे थे, लेकिन सीईओ की अनुपस्थिति के कारण आंदोलन स्थगित करना पड़ा। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के बजाय आंदोलनकारियों को प्रताड़ित कर रहा है और अपराधियों को संरक्षण दे रहा है।2 जून को तहसीलदार नितिन सिंह ठाकुर के निर्देश पर पिथौरा पुलिस ने शांतिपूर्ण सत्याग्रह कर रहे ग्रामीणों पर दमनात्मक कार्रवाई की और उन्हें बलपूर्वक थाने ले गई। इसके बावजूद, ग्रामीणों ने थाना परिसर में ही अपना आंदोलन जारी रखा। यह घटना प्रशासन की भ्रष्टाचार के प्रति उदासीनता और आंदोलनकारियों के दमन को दर्शाती है।ग्रामीणों की मांग है कि गोठान घोटाले में दोषी सरपंच और सचिव पर तत्काल एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाए। इस मामले में प्रशासन की चुप्पी और दमनकारी रवैये से क्षेत्र में तनाव बढ़ रहा है।


सवेरा 24 न्यूज़ 
राजेश साव 7240825555

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