पिथौरा शासकीय चंद्रपाल डड़सेना महाविद्यालय में पत्रकारिता प्रशिक्षण कार्यशाला सम्पन्न




पिथौरा। शासकीय चंद्रपाल डड़सेना महाविद्यालय, पिथौरा में एमए अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को पत्रकारिता और जनसंचार की बारीकियों से परिचित कराने हेतु एक विशेष इंटरशिप कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में स्थानीय पत्रकारों ने विद्यार्थियों के साथ अपने अनुभव साझा किए और पत्रकारिता के व्यावहारिक पक्षों की जानकारी दी।कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती की पूजा-अर्चना के साथ हुई। मंच पर महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. शबनूर सिद्दीकी, हिंदी विभागाध्यक्ष बीएस विशाल, डॉ. एसएस तिवारी, डॉ. एसएस दीवान, वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. सीमा अग्रवाल, ग्रंथपाल जितेंद्र पटेल, अतिथि शिक्षक रामकुमार रविदास एवं सुनीता पटेल उपस्थित रहे।कार्यक्रम में स्थानीय पत्रकार संतोष गुप्ता ललित मुखर्जी, गौरव चंद्राकर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे । सर्वप्रथम पत्रकार ललित मुखर्जी ने विद्यार्थियों को पत्रकारिता की मूल अवधारणाओं से परिचित कराते हुए कहा कि किसी भी समाचार की प्रस्तुति में “उल्टा पिरामिड सिद्धांत” की अहम भूमिका होती है, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण जानकारी पहले दी जाती है, उसके बाद क्रमशः विवरण और पृष्ठभूमि को रखा जाता है। उन्होंने समाचार के छह ककार कब, कहाँ, कौन, क्या, क्यों और कैसे की व्याख्या करते हुए बताया कि इन्हीं तत्वों से एक संपूर्ण समाचार की रचना होती है। उन्होंने यह भी बताया कि पत्रकारिता केवल सूचना देने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह समाज को जागरूक करने, सच्चाई सामने लाने और जिम्मेदार नागरिक बनाने का कार्य भी करती है। संचार और जनसंचार की परिभाषा, उनके माध्यम, और बदलते समय में सोशल मीडिया की भूमिका पर भी उन्होंने विद्यार्थियों से संवाद किया। पत्रकार संतोष गुप्ता ने अपने अनुभव साझा करते हुए जनसंचार के ऐतिहासिक विकास पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हम कबूतर से लेकर गूगल तक की यात्रा में आ चुके हैं, लेकिन आज भी संदेश का भरोसेमंद और सत्य होना सबसे बड़ी जरूरत है। उन्होंने फेक न्यूज़ की पहचान, उसके दुष्परिणाम और इससे बचाव के उपायों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज के डिजिटल युग में हर व्यक्ति रिपोर्टर बन चुका है, लेकिन सच्ची पत्रकारिता वही है जो तथ्य, निष्पक्षता और सामाजिक उत्तरदायित्व के आधार पर की जाए। उन्होंने विद्यार्थियों को सोशल मीडिया की खबरों की पुष्टि करने, आधिकारिक स्रोतों से जानकारी लेने और अफवाहों से सतर्क रहने की सलाह दी। श्री गुप्ता ने विद्यार्थियों द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब भी दिया। 


पत्रकार गौरव चंद्राकर ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के क्षेत्र में अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि रिपोर्टर सिर्फ खबर नहीं बनाता, वह जनता की आँख और कान होता है। उन्होंने ग्राउंड जीरो रिपोर्टिंग, कैमरा और माइक के साथ फील्ड में जाकर समाचार संकलन करने की चुनौतियों और जिम्मेदारियों की विस्तार से जानकारी दी।

उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि एक रिपोर्टर को खबरों की वास्तविकता की जांच (फैक्ट चेकिंग), स्रोत की विश्वसनीयता और आपातकालीन स्थितियों में सूझबूझ के साथ काम करना चाहिए। उन्होंने लाइव रिपोर्टिंग, ब्रेकिंग न्यूज़ की प्रक्रिया और न्यूज़ रूम की कार्यप्रणाली पर भी रोचक जानकारी दी।


इस इंटरशिप कार्यशाला में एमए अंतिम वर्ष के 50 विद्यार्थी शामिल हुए। विद्यार्थियों ने पत्रकारिता के क्षेत्र में नई जानकारी प्राप्त की और व्यावहारिक अनुभवों से बहुत कुछ सीखा।


सवेरा 24 न्यूज़ 
राजेश साव 7240825555


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